आईआईटी यानी इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए सबसे रिनाउंड और फेमस प्लेस. लेकिन वर्तमान में इसकी स्थिति काफी बदल गयी है. पहले जो आईआईटी में एडमिशन लेते थे, उनके लिए आगे बढ़ने का रास्ता खुलता था. लेकिन अब सीन काफी बदल गया है, 12वीं करने के बाद हर साइंस स्टूडेंट आईआईटी क्लीयर करना चाहता है. और आईआईटी से पास आउट करने के बाद बस अच्छी नौकरी और अच्छा पैसा कमाना चाहता है. लेकिन मैं समझता हूं कि आईआईटी पैसा कमाने का जरिया नहीं बल्कि ज्ञान अर्जित करने की एक जगह है. जहां से ज्ञान प्राप्त कर अपने देश के लिए काम करना चाहिए. आईआईटी के एक स्टूडेंट पर इंडियन गवर्नमेंट लाखों खर्च करती है, लेकिन गवर्नमेंट को आखिर मिलता क्या है? मुझे बचपन से ही आईआईटी में जाने का काफी मन है. क्योंकि इंडिया में रिसर्च के प्वाइंट ऑफ व्यू से ऐसी कोई संस्था नहीं जहां रिसर्च की पढ़ाई होती है. पर जिस तरह से स्टूडेंट्स रिसर्च को इग्नोर कर बस अपने लिए सोच रहें हैं, और देश को कुछ रिटर्न नहीं कर रहे, वह सच में सोचनीय है. हमारी देश के प्रति भी कुछ रिस्पांसबिलिटी होती है. लेकिन उसका निर्वाह कोई नहीं करता.रिसर्च संबंधी बहुत चीजें यहां पर अवेलेबल नहीं हैं. लेकिन विदेश से ज्ञान लेकर हम उसका यूज अपने देश के लिए तो कर ही सकते हैं.
dear friend,
ReplyDeletewhat do u mean by writing so.?? everybody knows that IITs have the best minds in the country.U are a journalist kindly check the facts. i would like to remind you that in recent years the no. of research from students have marginally increased. Even they have been asked to do research in their respective courses for academic excellence.
also, about going foreign i would like to tell that if an individual goes to other country, he brings back information about the tech-developments, which is indeed compulsory for our growth. so your claims are simply point-less. we expect journalists to convey truth not thoughts.
kindly cross check the facts before writing.
okkk dear...i m writing here my thought nt a news paper....
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