Monday, July 5, 2010

भारत बंद का दिखा भरी असर ....

तेल की बढ़ी कीमत ने महगाई में मानो आग लगा दी है। मनमोहन सरकार के पाँच साल तो अच्छे बीते। लेकिन, अब हालात बदल चुके हैं और वक़्त ने भी करवट ली है। राजनीति कि बिसात बिछ चुकी है और सभी अपनी-अपनी चाल से बादशाहत हासिल करने की जुगार में है। आज बारी थी विपक्ष के भारत बंद की। बंद सफल भी दिखा। दिल्ली, कोलकाता, बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान मुख्यतः इसके निशाने पर थे। बात की जाये बिहार की राजधानी पटना की तो यहाँ का नज़ारा कुछ और ही था। ज्ञात हो की बिहार में बीजेपी और जद-यू के गठबंधन की सरकार है। किन्तु, आज का वाकया कुछ और ही बयां कर रहा था। आज यहाँ एक ही घर के दो सदस्य आपस में लरते दिखे। दोनों पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का पुतला फूंकना कहीं न कहीं विगत नीतीश-मोदी विवाद की यादें ताजा कर दी। राजग की माने तो यह बंद शांतिपूर्ण था लेकिन, काश ऐसा हो पाता।हर जगह आगजनी और तोरफोर ने गडकरी के शांतिपूर्ण को सवालिया ठहरा दिया है। अब सवाल यह है कि यह बंद अपनी मुफ्लिशाही का पैगाम था या वोट मांगने का जरिया।

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