Thursday, July 22, 2010

राजधानी पटना का बिगड़ता TRAFFIC SYSTEM


पटना तो बस नाम की राजधानी है. यहां कई ऐसी चीजें हैं जो एक राजधानी की इमेज को सूट नहीं करती. इसमें सबसे बड़ी चीज है यहां का ट्रैफिक सिस्टम. पटना में ट्रैफिक सिस्टम इतना बेकार है कि इसका खामियाजा हर वक्त पब्लिक भुगतती है. यहां किसी में भी कॉमन सेंस है ही नहीं. हाउ टू ड्राइव, हाउ टू पार्क, किसी भी बात की समझ यहां के लोगों में नहीं है. रेड लाइट होने पर भी तमाम लोग लाइन पार करके खड़े रहते हैं. दूसरी ओर मेन रोड पर ही गाड़ी पार्क कर देते हैं जिससे आने जाने वालों को काफी कठिनाई होती है. डाक बंगला की ही बात करें तो मेन रोड पर गलत पार्किंग की वजह से जाम लग जाता है. वहीं फ्रेजर रोड, एग्जीबिशन रोड, एसपी वर्मा रोड आदि पर तो सड़क पर गाड़ी लगाना रूटीन में शामिल है. सबसे बड़ी बात यह है कि मैंने आज तक ट्रैफिक पुलिस को कोई इनिशिएटिव लेते नहीं देखा है. इसके लिए उन्हें इनिशिएटिव लेना ही होगा. वरना हम आये दिन जाम की समस्या झेलते रहेंगे. साथ ही मैं लोगों से भी अपील करता हूं कि वे सिविक सेंस डेवलप करें, तभी इसे सही किया जा सकता है. हर जगह पर पार्किंग हो और उसका सही यूज हो, तभी यहां का ट्रैफिक सिस्टम हेल्दी होगा

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