
पटना हमेशा से एजूकेशन हब के रूप में जाना जाता है. यहां से हर साल ढेरों स्टूडेंट्स मेडिकल, इंजीनियरिंग या अदर कांपटीशन कंपीट करते हैं, पर अगर देखें तो पटना में रह कर तैयारी करने वाले और कंपीट करने वालों की संख्या काफी कम है. आगे की तैयारी के लिए यहां पर कोई व्यवस्था नहीं है. टेंथ तक की पढ़ाई तो यहां पर काफी अच्छी होती है और स्टूडेंट्स काफी अच्छा करते भी हैं, लेकिन प्लस टू और उसके आगे की तैयारी के लिए स्टूडेंट्स को बार दूसरे शहर का रास्ता देखना पड़ता है. क्योंकि कांपटीशन के प्वाइंट ऑफ व्यू से यहां पर विशेष व्यवस्था नहीं है. टेंथ करने के बाद यहां स्टूडेंट्स भटकने लगते हैं, जिन्हें मौका मिलता है वे तो बाहर चले जाते हैं और जो यहां पर रहते हैं, उन्हें आगे की तैयारी के लिए छोटे-मोटे इंस्टीच्यूट पर डिपेंड रहना पड़ता है. ऐसे में जो खुद सीरियस होते हैं, वे तो तैयारी कर लेते हैं, लेकिन जो इंस्टीच्यूट पर डिपेंड होते हैं, उन्हें कई तरह की दिक्कतें होती हैं. अगर हमारे शहर में अच्छे इंस्टीच्यूट खुल जायें और हम यहीं पर रह कर तैयारी करें, तो शायद अधिक अच्छा कर सकते हैं. दूसरे शहरों में जाने पर कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. अगर कोटा, बोकारो, दिल्ली, कानपुर की तरह यहां पर भी तैयारी करने के लिए इंस्टीच्यूट हो, तो रिजल्ट और पोजिटिव होगा.
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